आजमगढ़, यूपी:
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िले के जहानागंज थाना क्षेत्र के चकिया मुस्तफाबाद मोहल्ले के सरदार वल्लभ भाई पटेल नगर में एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना हुई जिसने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया।। Neeraj Pandey Golikand अब तक के सबसे सनसनीखेज पारिवारिक हत्याकांडों में गिना जा रहा है, जहां एक युवक ने पहले अपनी मां और दो बच्चों को गोली मार दी, फिर खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
आजमगढ़ का दिल दहला देने वाला Neeraj Pandey Golikand
क्या हुआ उस दिन?
नीरज पाण्डेय गोलीकांड- यह घटना जहानागंज थाना क्षेत्र के सरदार वल्लभ भाई पटेल नगर में चकिया मुस्तफाबाद मोहल्ले की है। दोपहर करीब 2 बजे, नीरज पाण्डेय नामक युवक बाज़ार से आइसक्रीम और घाठी लाया, जिसे उसने अपने मासूम बच्चों को खिलाया। कुछ ही पलों में नीरज ने घर में रखी पिस्टल निकाली और सबसे पहले अपनी मां चंद्रकला (55 वर्ष) को गोली मारी। इसके बाद उसने अपनी बेटी शुभी (7 वर्ष) और बेटे संघर्ष (4 वर्ष) को गोली मार दी।
बेटा तो मौके पर ही दम तोड़ गया, जबकि बेटी की हालत नाज़ुक बनी हुई है।
अंत में नीरज ने खुद को भी गोली मार ली।
मां और बच्चों की गोली मारकर हत्या क्यों?

इस सवाल ने पुलिस को भी उलझा कर रख दिया है। अब तक की जांच में तीन बड़ी वजहें सामने आई हैं:
बहनोई से पुराना विवाद: नीरज की बहन की शादी वाराणसी में हुई थी। कुछ महीने पहले बहनोई ने बहन को मारपीट कर घर भेज दिया था। नीरज गुस्से में बहनोई की दुकान पर पिस्टल लेकर गया और वहीं पकड़ा गया। जेल भी गया।
परिवार से नाराज़गी: उसकी गैरमौजूदगी में दादा-दादी और मां ने बहन को फिर से बहनोई के पास भेज दिया। इससे वह अपनी मां और घरवालों से नाराज़ हो गया।
नशे की लत और मानसिक असंतुलन: नीरज नशे का आदी था। जिस समय यह वारदात हुई, वो शराब के नशे में था।
मां और बच्चों की गोली मारकर हत्या करने की ये बड़ी वजह बतायी गई है।
वारदात की खास बातें
1.पिस्टल कहां से आई?
पुलिस अभी भी यह जांच कर रही है कि नीरज के पास असलहा कैसे आया। कोई लाइसेंस नहीं मिला।
2.पत्नी को क्यों छोड़ा गया?
पत्नी उस समय अपने पिता को पानी देने गई थी। गोलीबारी के बाद जब वह लौटी, तो सब कुछ खत्म हो चुका था।
3.बच्चों को पहले प्यार जताया, फिर गोली मारी
यह तथ्य पुलिस को भी हैरान कर रहा है कि नीरज ने पहले बच्चों को आइसक्रीम और घाठी खिलाई, फिर गोली चलाई।
मानसिक स्वास्थ्य और समाज की ज़िम्मेदारी
ये घटना केवल एक पारिवारिक लड़ाई नहीं थी, बल्कि ये भारत में तेजी से बढ़ रहे:
- नशे की लत
- पारिवारिक संवादहीनता
- और मेंटल हेल्थ के प्रति लापरवाही का आईना है।
मरने वालों में कौन–कौन थे?
- नीरज पांडेय (उम्र – 32)
- माँ चंद्रकला (उम्र – 55)
- बेटा संघर्ष (उम्र – 4)
- बेटी शुभी (उम्र – 7) – अब भी ज़िंदगी और मौत से जूझ रही है।
प्रशासन की भूमिका पर भी उठे सवाल
ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन अगर पहले ही बहनोई के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता, तो शायद आज 3 ज़िंदगियाँ न जातीं।
इसके अलावा, नीरज को इतनी जल्दी जेल से रिहा कर देना भी कई सवाल खड़े करता है।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
एसपी सिटी मधुबन सिंह के मुताबिक, “फिलहाल तीन प्रमुख एंगल पर जांच हो रही है: पारिवारिक विवाद, हथियार की उपलब्धता, और मानसिक स्थिति।”
सामाजिक नजरिया
इस तरह की वारदातें आमतौर पर तब होती हैं जब व्यक्ति तनाव, कुंठा, और नशे में रहता है। Neeraj Pandey Golikand ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है।
बेटी शुभी की हालत नाज़ुक
बेटी शुभी का इलाज लखनऊ रेफर किया गया है और उसकी हालत स्थिर है। 7 साल की शुभी, जो अभी भी ज़िंदा है, अस्पताल में भर्ती है। पेट में गोली लगने के बाद ऑपरेशन चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, अगर अगले 48 घंटे वह जिंदा रही तो चमत्कार होगा।
एक परिवार की ख़ामोश चीख
आजमगढ़ की वो दोपहर शायद इतिहास में दर्ज न हो, लेकिन ये घटना हम सबके दिलों में छप गई है। एक ऐसा ‘घाठी और आइसक्रीम’ वाला लम्हा, जो कभी बच्चों की ख़ुशी का प्रतीक था, अब हमेशा के लिए ख़ून की चीख बन गया है।
अब तक अनसुलझे 4 बड़े सवाल
- नीरज के पास पिस्टल और गोली कहाँ से आई?
- अगर परिवार को निशाना बनाना था, तो पत्नी और पिता को क्यों छोड़ा?
- वारदात से पहले नीरज ने बाजार जाकर बच्चों को घाठी क्यों खिलाई?
- पत्नी के बयान इतने बदलते हुए क्यों लग रहे हैं?
एसपी सिटी मधुबन सिंह ने बताया कि पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। लेकिन अभी भी कई जवाब अधूरे हैं।
निष्कर्ष: नीरज पाण्डेय गोलीकांड
मां और बच्चों की गोली मारकर हत्या जैसी दर्दनाक घटनाएं यह दिखाती हैं कि पारिवारिक कलह और मानसिक असंतुलन कैसे एक खुशहाल परिवार को पल भर में तबाह कर सकते हैं।
Neeraj Pandey Golikand सिर्फ एक अपराध नहीं, बल्कि एक समाजिक चेतावनी है कि मानसिक तनाव, घरेलू हिंसा और बंदूक संस्कृति पर ध्यान न देना आने वाली पीढ़ियों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
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1 thought on “Neeraj Pandey Golikand: पहले घाठी और आइसक्रीम… फिर गोलियां! जानिए नीरज ने क्यों उठाया ये दिल दहला देने वाला कदम?”