“Tom Dick and Harry” विवाद: X (Twitter) vs भारत सरकार – क्या बयान था, और क्यों मची खलबली?

विवाद की शुरुआत: “Tom Dick and Harry” वायरल क्यों हुआ?

1 जुलाई 2025 को, Karnataka High Court की सुनवाई में Elon Musk की सोशल नेटवर्किंग कंपनी X (पूर्व में Twitter) के वकील K G Raghavan ने एक तंज भरा बयान दिया। उन्होंने कहा:

“This is the danger, My Lord, that is done now, if every Tom Dick and Harry officer is authorised [to issue takedown notices]” (“यह खतरा है, माई लॉर्ड, जो अब हो चुका है, अगर हर टॉम, डिक और हैरी अधिकारी को [टेकडाउन नोटिस जारी करने के लिए] अधिकृत किया जाता है”)

यह धमकावाना बयान था, जिसमें उन्होंने भारतीय सरकारी सिस्टम में बिना सीमा व्याप्त शक्तियों पर कटाक्ष किया।

सरकारी प्रतिक्रिया: कड़ी लहजे में बताया—“ये अधिकारी इंसान नहीं मशीन हैं

इसी दौरान, भारत सरकार की ओर से Solicitor General Tushar Mehta ने तुरंत जवाब दिया:

“Officers are not Tom Dick and Harry… they are statutory functionaries with legal authority.”(“अधिकारी टॉम, डिक या हैरी नहीं हैं… वे कानूनी प्राधिकार वाले वैधानिक पदाधिकारी हैं।”)

सुप्रीम कोर्ट ने भी “अधिनियमित अधिकारियों” की गरिमा बनाए रखने का आदेश दिया, और कहा कि “ये केवल एक notification tool है censorship portal नहीं।”

Tom Dick and Harry

क्यों यह विवाद इतना तेज़ी से फैला?

कारण 1: सरकार का कंटेंट मॉडरेशन अधिकार

X(Twitter) इस स्टैंड के खिलाफ है कि कोई भी अधिकारी बिना प्रक्रिया या न्यायालय की अनुमति लिए “content takedown notices” दे सकता है — जो प्लेटफ़ॉर्म के लिए गलत और निरंकुश है।

कारण 2: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता vs सरकारी नियंत्रण

X(Twitter) की बहस के अनुसार, अगर हर सरकारी अधिकारी नोटिस जारी कर सकता है, तो यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला होगा—लेकिन सरकार का कहना है कि किसी भी सिस्टम में सीमित निगरानी जरूरी है।

कोर्ट रूम का दृश्य और क्या हुआ

  • K G Raghavan ने उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने एक वीडियो उड़े रेलवे ट्रैक पर कार चलाती दिखाई थी, जो खबर थी ना कि पाबंदी योग्य।
  • सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया, क्या ऐसे कार्य रोके नहीं जा सकते?
  • Tushar Mehta ने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को “Tom Dick and Harry” कहना अनुचित है—उनके पास सत्ता का नियमबद्ध अधिकार है।

कोर्ट ने सुनवाई 8 जुलाई तक स्थगित कर यह निर्देश दिया कि दोनों पक्ष अपनी दलीलें मजबूत करते हुए आगे पेश हों।

सोशल मीडिया और सार्वजनिक रिएक्शन

  • ट्विटर पर #TomDickHarry मुद्दा ट्रेंड हुआ।
  • कई यूज़र ने X के वकील के बयान को “अमेरिकी कॉर्पोरेट arrogance” बताया और भारतीय अधिकारियों की गरिमा पर सवाल उठाया गया।
  • कुछ ने X (Twitter) की रणनीति को लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश बताया, जबकि अन्य ने इसे “बिना जांच की शक्ति का विषय” बताया।

 Tom Dick and Harry

आगे क्या होगा?

  • 8 जुलाई को कोर्ट अंतिम सुनवाई करेगा – X यह दावा आगे बढ़ाएगा कि सरकारी नोटिस सिर्फ प्रक्रिया के बाद जारी होना चाहिए।
  • दूसरी पट्टी में सरकार यह साबित करने की कोशिश करेगी कि “तेजी से मॉनिटरिंग” की जरूरत के कारण यह आवश्यक है।

इस मामले का निर्णय सोशल मीडिया की स्वतंत्रता, नियमन, और भारत में डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स की आज़ादी पर गहरा असर डालेगा।

निष्कर्ष: यह सिर्फ भाषा का मुद्दा नहीं, बल्कि डिजिटल लोकतंत्र पर टकराव है

Tom Dick and Harry विवाद शायद बना एक पंक्ति वाला तंज, लेकिन इसके पीछे छिपा है बड़ी बात: कौन तय करेगा कि क्या कहा जाय और किसे रोका जाय प्लेटफ़ॉर्म पर?
आजादी की सीमा कहां तक हो, और बाद में ज़रूरत पड़ने पर उसका misuse कैसे रोका जाए — यही मामला कोर्ट में परखा जा रहा है।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या ‘Tom Dick and Harry’ शब्द में हिंदी का इस्तेमाल हुआ?
Ans. नहीं, ये अंग्रेजी मुहावरा था, सोशल मीडिया पर ही हिन्दी संदर्भ में विवाद बन गया।

Q2. क्या X ने अभी तक अनुमति ली बिना कोई नोटिस हटाया?
Ans.नहीं, X अभी प्रतिक्रिया दे रहा है और कोर्ट में बहस कर रहा है।

Q3. क्या यह मुद्दा भारत की मीडिया आज़ादी पर असर करेगा?
Ans.हाँ, ये डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स के नियमन और फ्री स्पीच की दुहाई का मामला बन सकता है।


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