उत्तराखंड में भीषण रुद्रप्रयाग बस हादसा — चारधाम तीर्थयात्रियों से भरी टेम्पो अलकनंदा नदी में समाई
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में 26 जून 2025 को सुबह करीब 7:30 बजे एक दर्दनाक बस हादसा हुआ, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। उदयपुर (राजस्थान) से आए तीर्थयात्रियों से भरी एक टेम्पो ट्रैवलर घोलती गाँव के पास बद्रीनाथ-रुद्रप्रयाग हाईवे (NH7) पर संतुलन खो बैठी और गहरी खाई में गिरते हुए अलकनंदा नदी में समा गई।
अलकनंदा नदी दुर्घटना बस में कुल 18–20 श्रद्धालु सवार थे। ये सभी लोग बद्रीनाथ धाम के दर्शन करने निकले थे।
रुद्रप्रयाग बस हादसा की ताज़ा अपडेट (27 जून सुबह 10:00 बजे तक)
- 8–10 घायल यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया है।
- 2 की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
- 9–10 लोग अभी भी लापता हैं।
- 4 लोगों को ऋषिकेश AIIMS में भर्ती कराया गया है, बाकी रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में
- बस का मलबा अलकनंदा नदी में अब भी लापता है
रुद्रप्रयाग बस हादसा में SDRF की टीम ने रातभर राहत-बचाव कार्य जारी रखा।
रुद्रप्रयाग बस हादसा कहाँ और कैसे हुआ?
स्थान:
- घोलती गाँव, रुद्रप्रयाग से लगभग 20 किमी दूर।
- सड़क: बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH7)।
- नदी: अलकनंदा, जो इस मौसम में उफान पर है।
संभावित कारण:
- ड्राइवर का संतुलन बिगड़ना।
- स्लीपर मोड़ पर ब्रेक फेल।
- भारी बारिश के कारण फिसलन और पहाड़ से पत्थरों का गिरना।
यह रुद्रप्रयाग बस हादसा अत्यधिक खराब मौसम और सड़क की स्थिति की वजह से हुआ हो सकता है।
स्थानीय चश्मदीदों का कहना है कि बस सीधी खाई में लुड़कती चली गई और नदी में गिरने के बाद पूरी तरह बह गई।
कौन थे बस में सवार यात्री?
- बस में राजस्थान के उदयपुर, गोगुंदा और आस-पास के क्षेत्रों से आए श्रद्धालु थे।
- सभी श्रद्धालु परिवारों के साथ चारधाम यात्रा पर निकले थे।
- यात्रियों में महिलाएं और बुज़ुर्ग भी शामिल थे।
- ड्राइवर और कंडक्टर को मामूली चोटें आई हैं — उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
रुद्रप्रयाग बस हादसा के पीड़ितों में महिलाएं व बुज़ुर्ग भी शामिल थे।
रुद्रप्रयाग बस हादसा रेस्क्यू ऑपरेशन में कौन-कौन लगा?
इन एजेंसियों ने ली कमान:
- SDRF (राज्य आपदा मोचन बल) – रेस्क्यू ऑपरेशन की अगुवाई।
- SSB (सशस्त्र सीमा बल) – नदी किनारे खोजबीन।
- Fire Department – मलबा खोज।
- उत्तराखंड पुलिस – ट्रैफिक और सुरक्षा नियंत्रण।
- स्थानीय ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला बनाकर घायलों को बाहर निकाला।
रुद्रप्रयाग बस हादसा का मलबा अभी तक नहीं मिल पाया है।
रुद्रप्रयाग बस हादसा रेस्क्यू में आ रही प्रमुख बाधाएं
- अलकनंदा नदी का तेज बहाव, जिससे बस का मलबा बह गया।
- खड़ी ढलान, मशीनें ले जाना मुश्किल।
- तेज़ बारिश का पूर्वानुमान, रेस्क्यू धीमा।
- दृश्यता कम, जिससे NDRF की टीमें सीमित क्षेत्र में काम कर पा रही हैं।
अस्पतालों में इलाज की स्थिति
- AIIMS ऋषिकेश – 4 गंभीर मरीज भेजे गए।
- रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल – 4 घायलों का इलाज जारी।
- राजस्थान से विशेष चिकित्सा टीम रवाना हो चुकी है।
- राजस्थान सरकार ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
Frequently Asked Questions (FAQs)
1.क्या मृतकों की संख्या बढ़ सकती है?
- अफसोस की बात है कि अभी भी 9–10 लोग लापता हैं। संभावना है कि संख्या बढ़ सकती है।
2.क्या बस का मलबा मिला?
अब तक नहीं। तेज जलधारा के कारण SDRF अभी तक मलबे तक नहीं पहुंच पाई है।
हादसे के बाद उठते सवाल और सुधार की ज़रूरत
- क्या मानसून में चारधाम यात्रा को रोका नहीं जाना चाहिए था?
- हाईवे पर पर्याप्त सुरक्षा बैरियर क्यों नहीं थे?
- यात्रियों के लिए ट्रैवलर की फिटनेस और ड्राइवर की जांच क्यों नहीं हुई?
राज्य सरकार ने कहा है कि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
सड़क सुरक्षा के सुझाव (विशेषत: पहाड़ी क्षेत्रों के लिए)
- हमेशा सीट बेल्ट पहनें।
- चालक को स्पीड लिमिट में वाहन चलाने की सलाह दें।
- मानसून में यात्रा टालें, विशेषकर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में।
- सरकारी गाइडलाइन्स और मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें।
रुद्रप्रयाग बस हादसा 2025 न सिर्फ़ एक दुखद घटना है, बल्कि यह पहाड़ों में यात्रा सुरक्षा को लेकर बड़ा अलार्म है।
राज्य और केंद्र सरकारों को सड़कों की संरचना, यात्रियों की सुरक्षा और मौसम की निगरानी पर गंभीरता से काम करना चाहिए।
- हम सभी लापता यात्रियों के जल्द सुरक्षित मिलने की कामना करते हैं।
- आगे जैसे-जैसे अपडेट मिलेंगे, इस पोस्ट को अपडेट किया जाएगा।
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