SSC Protest 2025 घोटाले के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन — छात्रों-शिक्षकों पर लाठीचार्ज, एक शिक्षक का हाथ टूटा
दिल्ली | 31 जुलाई 2025:
देशभर के हजारों छात्रों और शिक्षकों ने कर्मचारी चयन आयोग (SSC) की बार-बार परीक्षाएं रद्द करने, तकनीकी खामियों और लगातार बढ़ती धांधलियों के खिलाफ राजधानी दिल्ली में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया।
‘SSC Protest 2025’ के नाम से ट्रेंड कर रहे इस आंदोलन में जंतर-मंतर से लेकर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) कार्यालय तक भारी हंगामा हुआ। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को DoPT दफ्तर की ओर बढ़ने से रोका और इस दौरान कथित तौर पर लाठीचार्ज, डिटेंशन और गिरफ्तारी की घटनाएं भी सामने आईं।
विरोध प्रदर्शन की मुख्य वजहें क्या थीं?
इस साल SSC द्वारा आयोजित की गई कई परीक्षाओं को या तो अचानक स्थगित किया गया या रद्द कर दिया गया, जिससे लाखों उम्मीदवारों में आक्रोश फैल गया।
प्रदर्शनकारियों ने इन कारणों से विरोध जताया:
- परीक्षाओं की बार-बार रद्दीकरण: SSC Phase-13 चयन पद परीक्षा को बिना पूर्व सूचना के रद्द करना।
- तकनीकी खामियां: कई परीक्षा केंद्रों पर सर्वर डाउन, सिस्टम क्रैश जैसी समस्याएं।
- गलत केंद्र आवंटन: कुछ छात्रों को दूर-दराज के या असुविधाजनक केंद्र मिले।
- अभ्यर्थियों से दुर्व्यवहार: इंदौर जैसे शहरों से रिपोर्ट आई कि छात्रों को परीक्षा केंद्र में बंद कर दिया गया और सवाल पूछने पर उन्हें पीटा गया।
- नियमित प्रश्नपत्र लीक: छात्रों का आरोप है कि प्रश्नपत्र बार-बार लीक हो रहे हैं, जिससे निष्पक्षता खत्म हो रही है।
SSC Protest 2025 कैसे हुआ विरोध प्रदर्शन?
30 और 31 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर देशभर से शिक्षक और छात्र इकट्ठा हुए। इसके बाद ये सभी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) की ओर बढ़े, ताकि मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मिलकर अपनी बात रख सकें।
लेकिन जैसे ही वे दफ्तर की ओर बढ़े, पुलिस ने उन्हें बैरिकेड्स लगाकर रोका, और फिर स्थिति बिगड़ने पर कथित रूप से लाठीचार्ज कर दिया गया।
क्या बोले प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शन में मौजूद कई शिक्षकों और अभ्यर्थियों ने कहा कि
“हम शांतिपूर्ण ढंग से मंत्री से मिलने जा रहे थे, ताकि परीक्षा प्रणाली की खामियों पर चर्चा हो सके, लेकिन हमें जबरन रोका गया, पीटा गया और गिरफ्तार किया गया।”
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्साएक वायरल वीडियो में एक घायल शिक्षक को लाठीचार्ज के बाद खून से लथपथ देखा गया, जिसके बाद एक यूजर ने लिखा:
“कांवड़ियों पर फूल बरसाए जाते हैं और छात्रों-शिक्षकों पर लाठियां बरसती हैं। यही है नया भारत?”
शिक्षिका नीतू मैम ने क्या कहा?
प्रसिद्ध एडुकेटर नीतू मैम भी इस आंदोलन में शामिल थीं। उन्होंने मौके पर कहा:
“हम मंत्री से बात करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने मिलने नहीं दिया और हमें बसों में भरकर ले गई। छात्रों की आवाज़ को दबाया जा रहा है।”
आंदोलन को मिला राष्ट्रीय समर्थन
NSUI जैसे छात्र संगठन भी इस आंदोलन के समर्थन में सामने आए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि
“छात्र सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि प्रश्नपत्र बार-बार लीक क्यों हो रहा है? क्या SSC की भर्ती प्रणाली अब भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है?”
सरकार की चुप्पी पर उठ रहे सवाल
विरोध के बावजूद, अभी तक SSC या कार्मिक मंत्रालय की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं आया है। न ही परीक्षा में तकनीकी गड़बड़ियों की ज़िम्मेदारी तय की गई है और न ही नई तारीखों की घोषणा। छात्रों का आरोप है कि
“हर बार नई समस्या आ जाती है — कभी प्रश्न लीक, कभी सर्वर डाउन, कभी परीक्षा रद्द। आखिर इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा?”
निष्कर्ष: क्या ये आंदोलन बदलाव लाएगा?
SSC Protest 2025 सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि लाखों युवाओं की निराशा और टूटते सपनों का नतीजा है।
इस आंदोलन से एक बात साफ है — अब युवा “सिस्टम से जवाब” चाहते हैं, सिर्फ परीक्षा नहीं।
अगर सरकार और आयोग इस बार भी छात्रों की मांगों को नजरअंदाज करते हैं, तो यह आंदोलन सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि राष्ट्रव्यापी छात्र आंदोलन का रूप ले सकता है।
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