Ratan Tata के जाने के बाद कौन होगा 2nd मालिक ?
फिलहाल ग्रुप की कमान एन चंद्रशेखरन के पास है, वे Ratan Tata परिवार से नहीं हैं
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन Ratan tata का बुधवार रात करीब 11:30 बजे निधन हो गया। अब तक टाटा ग्रुप में सबसे बड़ा पद टाटा परिवार के किसी सदस्य को ही दिया जाता रहा है।
ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि रतन टाटा के जाने के बाद कौन संभालेगा विरासत:
फिलहाल ग्रुप की कमान एन चंद्रशेखरन के पास है, वे टाटा परिवार से नहीं हैं।
फिलहाल Ratan Tataकी सौतेली मां नोएल नवल टाटा के बच्चे लीह, माया और नेविल ग्रुप में हैं
इस बीच, इस ग्रुप की कंपनियों के पीछे का व्यक्ति निस्संदेह संस्थापक जमशेदजी एन. टाटा ही थे, जो 1904 में निधन होने तक इस ग्रुप के संस्थापक थे। इसके बाद सर दोराबजी टाटा (1904-1932), जेआरडी टाटा (1938-1991) और 2012 तक Ratan Tata रहे, जिन्होंने इसके बाद समूह के स्तंभों की नींव रखी। वर्तमान में इस विभाग में अन्य पेशेवर काम कर रहे हैं, जिनमें रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल नवल टाटा के बच्चे लीह, माया और नेविल शामिल हैं।
उनकी सबसे बड़ी बेटी लीह टाटा ने IE बिजनेस स्कूल, मैड्रिड, स्पेन से मार्केटिंग में मास्टर डिग्री हासिल की है। उन्होंने 2006 में ताज होटल्स रिसॉर्ट्स एंड पैलेसेस में असिस्टेंट सेल्स मैनेजर के तौर पर काम किया। वह वर्तमान में इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (IHCL) में वाइस प्रेसिडेंट हैं।
समूह के मुखिया की छोटी बेटी माया टाटा ने समूह की मुख्य वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल में विश्लेषक के तौर पर नौकरी की। उनके भाई नेविल टाटा ट्रेंट में काम करने चले गए, जहां से उनकी कॉर्पोरेट यात्रा शुरू हुई।
समूह: टाटा समूह1868 में जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित भारत की सबसे बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी, यह 100 से अधिक देशों में व्यापार में शामिल है। इसकी 30 कंपनियों को तीन समूहों में संगठित किया गया है – ट्राइडेंट लिमिटेड, पायनियर एम्ब्रॉयडरीज और ट्यूलिप अपार्टमेंट। एन चंद्रशेखरन वर्तमान अध्यक्ष हैं।
टाटा संस टाटा कंपनियों की प्रमुख निवेश होल्डिंग कंपनी और प्रमोटर है। धर्मार्थ ट्रस्ट, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, कला और संस्कृति और आजीविका सृजन पर ध्यान केंद्रित करता है, टाटा संस की इक्विटी शेयर पूंजी का 66% हिस्सा रखता है।
2023-24 में, सभी टाटा समूह कंपनियों का संयुक्त राजस्व 13.86 लाख करोड़ रुपये था। इसमें 1 मिलियन से अधिक लोग कार्यरत हैं। इसके उत्पाद हमारे हाथों में होते हैं जब हम उठते हैं, दिन भर सोने से पहले तक। चाय की पत्तियों से लेकर घड़ियों तक, कारों और मनोरंजन तक।
Ratan Tata का 86 वर्ष की आयु में निधन: सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक अंतिम संस्कार; राजकीय सम्मान के साथ अंतिम यात्रा
86 वर्षीय श्री रतन नवल टाटा का निधन हो गया। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। कल रात करीब 11 बजे उनका निधन हो गया। अभिनेता को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था और वे उम्र संबंधी बीमारियों से जूझ रहे थे।
व्यवसायी हर्ष गोयनका ने सबसे पहले उनके निधन की खबर फैलाई। रात 11:24 बजे उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली, ‘कुछ कर…बोलती तो बंद’ टाइटन नहीं रहे। रतन टाटा – सत्य, नैतिकता और मानवीय सद्भाव के प्रतीक।
फिर उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल से 2:00 बजे घर लाया गया। राजकीय सम्मान के साथ टाटा का अंतिम संस्कार किया जाएगा। गुरुवार को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक दक्षिण मुंबई में नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स हॉल में उनके पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। यहां उनके अंतिम दर्शन होंगे।
पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित Ratan Tata को दो दिन पहले 17 अक्टूबर को आईसीयू में भर्ती कराया गया था। लेकिन, उन्होंने खुद को फोन करने से इनकार किया और कहा कि मैं ठीक हूं और नियमित जांच के लिए अस्पताल गया हूं।
कारोबारी घरानों ने शोक जताया- मोदी-राहुल और सुंदर पिचाई
चंद्रशेखर की रिपोर्ट: “हम रतन टाटा को अलविदा कहते हुए बहुत बड़ा नुकसान महसूस कर रहे हैं” समूह के लिए, वह सिर्फ एक अध्यक्ष नहीं थीं, बल्कि इससे भी कहीं अधिक थीं। वह मेरे लिए एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे।
अध्यक्ष मुर्मू: भारत कॉर्पोरेट विकास, राष्ट्र निर्माण और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का प्रतीक है। रतन टाटा, पद्म विभूषण और पद्म भूषण टाटा समूह की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन अगर हमने भारत के सबसे महान नेताओं में से एक आदित्य पुरी (जिन्होंने एक अद्भुत साक्षात्कार दिया, BTW) से पूछा होता तो उन्होंने कहा होता कि नहीं, रतन हमें बेच सकते हैं!
मोदी और राहुल सहित सरकारी अधिकारियों और कई निगमों ने श्रद्धांजलि दी।
टाटा के अध्यक्ष चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हें Ratan Tata को अलविदा कहते हुए दुख हो रहा है। हालांकि, समूह के लिए, वह महज एक अध्यक्ष से कहीं बढ़कर थे। मैं कह सकता हूँ कि वे मेरे गुरु, सलाहकार और मित्र थे।
राष्ट्रपति मुर्मू के अनुसार, Ratan Tata एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने उत्कृष्टता का काम किया, जो कॉर्पोरेट नैतिकता द्वारा शासित समाज में दुर्लभ था जहाँ उन्होंने काम किया और राष्ट्र का निर्माण किया। एक महान नेता, Ratan Tata ने टाटा समूह की महान परंपराओं को आगे बढ़ाया है, उन्हें पद्म विभूषण और पद्म भूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनका मानना है कि टाटा एक बहुत ही प्रगतिशील कारोबारी नेता, दयालु व्यक्ति और एक अच्छी आत्मा थे। उन्होंने देश के सबसे पुराने और बेहतरीन व्यापारिक घरानों में से एक में एक मार्गदर्शक के रूप में एक अनुकरणीय भूमिका निभाई और उनकी पहुँच उस दुनिया से परे थी।
राहुल गांधी ने सफलता के लिए Ratan Tata के प्रयासों की सराहना की और उन्हें काम और दान दोनों में एक अमिट उपस्थिति बताया। उन्होंने टाटा के शोक संतप्त परिवार और सामान्य रूप से टाटा समुदाय के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।
मुकेश अंबानी ने उल्लेख किया कि Ratan Tata के निधन से भारत में यह एक दुखद दिन है। उन्होंने बताया कि टाटा का शोक केवल टाटा समूह के लिए ही नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए है। अंबानी ने आगे दुख व्यक्त करते हुए एक दोस्त को खोने का शोक व्यक्त किया।
गौतम अडानी ने यह भी बताया कि उनके देश में एक महान व्यक्ति चला गया जो अपने समय से आगे था। उन्होंने कहा कि, टाटा ने आधुनिक भारत की दिशा कैसे बदल दी, और कहा कि, टाटा हर मायने में भारतीय थे, करुणा से भरे हुए थे।
आनंद महिंद्रा ने Ratan Tataके निधन की खबर को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि जब तक यादें हैं, श्री टाटा कभी नहीं मरेंगे क्योंकि सभी महान लोग कभी नहीं मरते।
सुंदर पिचाई को Ratan Tata के साथ अपनी आखिरी मुलाकात याद है। उन्हें श्री टाटा में उनके अद्वितीय दृष्टिकोण के कारण महान प्रेरणा का स्रोत लगता है। वह श्री टाटा द्वारा बनाए गए अविश्वसनीय व्यावसायिक इतिहास की भी सराहना करते हैं। उन्होंने आगे बताया कि कैसे श्री टाटा ने भारत में व्यापारिक नेताओं के विकास में योगदान दिया।
झारखंड में रतन टाटा के निधन के कारण एक दिन के शोक की घोषणा की गई है। रतन टाटा आखिरी बार 2 मार्च, 2021 को झारखंड राज्य में आए थे, जब उन्होंने
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