Iran Israel युद्ध का आठवां दिन:अब तक क्या हुआ ?
Iran Israel युद्ध के बिच चल रहा संघर्ष अब अपने आठवें दिन में पहुंच चुका है, और हर बीतते पल के साथ यह लड़ाई और ज़्यादा भयावह रूप लेती जा रही है। शुरुआती दिनों में जहां ईरान की स्थिति रक्षात्मक थी, अब वह हमलावर मुद्रा में है और लगातार इजराइल के भीतर सैन्य और नागरिक ठिकानों पर हमले कर रहा है।
इजराइल अब जवाबी हमले की तैयारी में जुट गया है और अमेरिका की संभावित एंट्री से यह पूरा संघर्ष तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ता दिख रहा है।
Iran Israel युद्ध की बड़ी घटनाये (20 जून 2025)
- ईरान ने फिर मिसाइल से हमला किया, जिसमें 17 लोग घायल हुए, जिनमें से 3 की हालत गंभीर बताई गई है।
- इजराइल के वीरशेबा शहर में एक सॉफ्टवेयर कंपनी का ऑफिस पूरी तरह तबाह।
- ईरान ने सुररोका अस्पताल पर भी हमला किया, जहां 700 से अधिक मरीज थे, कई घायल हुए।
- इजराइल ने तेहरान के अस्पतालों पर बमबारी का आरोप लगाया।
- ईरान पर क्लस्टर बम दागने का आरोप, जिससे दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है।
- GBU-57 Bunker Buster बम की मांग इजराइल ने अमेरिका से की है।
- 20 जून 2025 को ईरान-इजराइल संघर्ष का आठवां दिन है।
- सोर्रोका अस्पताल पर हमले में 50 से अधिक घायल, बड़ी इमारतें राख।
क्लस्टर बम और बंकर बस्टर: परमाणु युद्ध का दर क्यों ?
क्लस्टर बम क्या होता है?
क्लस्टर बम एक मिसाइल के भीतर कई छोटे बम (submunitions) ले जाता है, जो हवा में फटकर कई किलोमीटर क्षेत्र में तबाही मचाते हैं। इजराइल का आरोप है कि ईरान ने घनी आबादी वाले गुशदान क्षेत्र में क्लस्टर बम का इस्तेमाल किया। इजराइल ने अमेरिका से GBU-57 Bunker Buster Bomb की मांग की है।
GBU-57 – बंकर बस्टर क्या है ?
यह बम 60 मीटर तक जमीन के अंदर घुस सकता है और बंकरों को तबाह कर सकता है। इसे “non-nuclear category” का सबसे खतरनाक बम माना जाता है।
आम नागरिकों पर हमला – मानवता पर संकट
- Iran Israel युद्ध में अस्पताल, स्कूल, नागरिक इलाके सीधे निशाने पर।
- ईरान ने कहा: इजराइल ने तेहरान के 3 अस्पताल और 6 एंबुलेंस को निशाना बनाया।
अमेरिका, रूस और चीन की भूमिका
अमेरिका की चेतावनी
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को बिना शर्त हथियार डालने का अल्टीमेटम दिया है। अमेरिका ने दो हफ्ते का अल्टीमेटम देकर संकेत दिया है कि वह सीधे हस्तक्षेप कर सकता है।
रूस और चीन का समर्थन
Iran Israel युद्ध में रूस और चीन खुले तौर पर ईरान के साथ खड़े हैं। रूस की ओर से Chernobyl जैसे परमाणु हादसे की चेतावनी अमेरिका को दी गई है। जिससे संघर्ष बहुपक्षीय रूप ले सकता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था पर खतरा: हरमूस जलसंधि का महत्व
क्या है स्ट्रेट ऑफ हरमूस?
यह फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ने वाला 33 किमी लंबा समुद्री गलियारा है। दुनिया के 20% कच्चे तेल और 25% LNG का निर्यात इसी रास्ते से होता है।
भारत पर असर
भारत अपनी तेल ज़रूरतों का 85% आयात करता है, जिसका अधिकांश हिस्सा इसी मार्ग से आता है। Iran Israel युद्ध में यदि यह रास्ता बंद हुआ तो तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं, और भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। भारत में तेल की कीमत ₹120 प्रति लीटर तक जा सकती है।
क्या परमाणु युद्ध करीब है?
ईरान की तरफ से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें परमाणु मिसाइल का मिनिएचर दिखाया गया है। यह केवल चेतावनी है या असली तैयारी — अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि हालात तेजी से नियंत्रण से बाहर जा रहे हैं।
क्या शांति की कोई उम्मीद बाकी है?
- 20 जून 2025 को ईरान के विदेश मंत्री जिनेवा पहुंचे हैं, जहां यूरोपीय देशों के प्रतिनिधियों से शांति की बातचीत हो रही है।
- भारत समेत कई G20 देशों ने संयम बरतने की अपील की है।
दुनिया कहां जा रही है?
Iran Israel युद्ध अब सिर्फ दो देशों का नहीं रहा। इसमें अमेरिका, रूस, चीन जैसे महाशक्तियों की भूमिका से यह संघर्ष किसी भी दिन वर्ल्ड वॉर 3 में बदल सकता है। ऊर्जा संकट, वैश्विक मंदी और परमाणु खतरे ने इसे मानवता के लिए सबसे बड़ा अलार्म बना दिया है।
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